The smart Trick of Shodashi That Nobody is Discussing

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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका

Goddess Tripura Sundari Devi, often known as Shodashi or Lalita, is depicted with a wealthy iconography that symbolizes her different attributes and powers. Her divine kind is frequently portrayed as an attractive young girl, embodying the supreme natural beauty and grace with the universe.

The Shreechakra Yantra encourages the benefits of this Mantra. It is far from compulsory to meditate before this Yantra, but when You should buy and use it for the duration of meditation, it'll give awesome Positive aspects for you. 

Shodashi is deeply linked to the path of Tantra, the place she guides practitioners towards self-realization and spiritual liberation. In Tantra, she's celebrated because the embodiment of Sri Vidya, the sacred awareness that contributes to enlightenment.

॥ इति श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः सम्पूर्णः ॥

Working day: On any thirty day period, eighth working day of the fortnight, complete moon day and ninth day on the fortnight are explained to get superior times. Fridays also are equally superior days.

गणेशग्रहनक्षत्रयोगिनीराशिरूपिणीम् ।

ஓம் ஸ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் ஐம் ஸௌ: ஓம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் க ஏ ஐ ல ஹ்ரீம் ஹ ஸ க ஹ ல ஹ்ரீம் ஸ க ல ஹ்ரீம் ஸௌ: ஐம் க்லீம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் 

देवस्नपनं मध्यवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

हस्ते पाश-गदादि-शस्त्र-निचयं दीप्तं वहन्तीभिः

Gaining the attention of  Shodashi, kinds ideas in direction of others turn out to be a lot more favourable, fewer significant.  Types interactions morph right into a thing of excellent magnificence; a factor of sweetness. This is actually the this means with the sugarcane bow which she carries normally.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥११॥

ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं तां वन्दे सिद्धमातृकाम् ॥५॥

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता check here है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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